Add To collaction

हिंदी वर्तमान में वैश्विक विश्वास--

हिंदी वर्तमान में वैश्विक विश्वास--

भारत की आजादी के बाद 14 सितंबर 1949 को हिंदी को राज भाषा बनाये जाने के बाद हिंदी ने अपनी अब तक कि यात्रा में बहुत उतार चढ़ाव देखे है आज हिंदी सिर्फ भारत से हिंदी निकल कर भारतीय उपमहाद्वीप एव विश्व के 130 देशों में अपनी पहचान एव धाक जमा रही है भारत की राज भाषा के साथ साथ फिजी की राज है एव माँरिशस त्रिदिनाद गुयाना सूरीनाम की क्षेत्रीय  भाषा मे मान्यता प्राप्त है ।सयुक्त राज्य अमेरिका ,ब्रिटेन , साउथ अफ्रीका ,ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, जर्मनी, सिंगापुर, कनाडा यू ए ई देशों में हिंदी भाषी बहुतायत संख्या में है ।भारत मे 57.1 प्रतिशत लोंगो हिंदी को भाषा के रूप में प्रयोग करते है तो 43.20 लोग मातृभाषा के रूप में हिंदी को स्वीकार करते है एथेनॉलाग लैंगुएजस ऑफ द वर्ड  के हिंदी मंदारिन (चीन )के बाद दूसरे नम्बर पर आता है एव मातृ भाषा के रूप में 37 करोड़ लोग हिंदी स्वीकार करते है द्वितीय भाषा के रूप में हिंदी को स्वीकार करने वालो की संख्या 12 करोड़ है।।

हिंदी का वैश्विक स्वीकारोक्ति---
मंदारिन भाषा समूह की सभी भाषाओं  को जोड़कर बोलने वालों की संख्या 87 करोड़ बताई जाती है जबकि हिंदी की समूह भाषाओं को राजस्थानी, मारवाड़ी, मैथिली, अवधि,ब्रजभाषा को अलग अलग रख कर भाषाओं की श्रेणी पर रखा जाता है जो हिंदी भाषा के साथ न्याय नही है ऐसी स्थिति में हिंदी बोलने वालों की संख्या 34 करोड़ स्पेनिश बोलने वालों की संख्या 35 करोड़ है इस प्रकार भाषाओं की गणना के अलग अलग मापदंड के वैश्विक जाल में हिंदी उलझी प्रतीत होती है।समाचार पत्रों के आधार की दृष्टि से लगभग बीस हज़ार समाचार पत्रों में हिंदी के मात्र पांच ही समाचार पत्रों का समावेश दृष्टिगत होता है दैनिक भास्कर, दैनिक जगरण, अमर उजाला, हिंदुस्तान, राजस्थान पत्रिका प्रमुख है।विश्व के 170 देशों में किसी न किसी स्वरूप में हिंदी भाषा का अस्तित्व है  मास्को रूस,को हिंदी के अध्ययन अध्यापन का प्रमुख केंद्र माना जाता है मास्को में हिंदी भाषा का अध्ययन एव शिक्षण मास्को राजकीय विश्वविद्यालय के साथ साथ दो विश्वविद्यालयों में किया जाता है मास्को स्थित भारतीय दूतावास के जवाहरलाल नेहरू सांस्कृतिक केंद्र में हिन्दू निःशुक पढ़ाई जाती है मास्को में ऐसे भी विद्यालय है जहां छठी कक्षा से ही हिंदी पढ़ाई जाती हैं रूसी वैज्ञानिकों द्वारा हिंदी भाषा के अनेक शब्दकोषों एव पाठ्यक्रमों की रचना एव हिंदी अनुवाद बड़े पैमाने पर किया जाता है रूस के ही सेंट पीटर्स वर्ग में राजकीय विश्वविद्यालय हिंदी विभाग के द्वारा तृतीय क्षेत्रीय अंतराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन में रूसी छात्रों के लिये हिंदी भाषा के लिये नई पाठ्य पुस्तक प्रस्तुत करना हिंदी के वैश्विक विस्तार का स्वर्णिम अध्याय है ।सयुक्त राज्य अमेरिका में येल, शिकागो,वाशिंगटन, मोंटाना ,टेक्सास, एव केलिफोर्निया विश्वविद्यालयों समेत कई विश्वविद्यालयों में हिंदी भाषा के पाठ्यक्रम चलाये जा रहे है अनेक पब्लिक स्कूलों में हिन्दी भाषा का विकल्प दिया जा रहा है ऑस्ट्रेलियन नेशनल विश्वविद्यालय ,टोकियो विश्विद्यालय ,जान हॉपकिंस
विश्विद्यालय में हिंदी के पाठ्यक्रमों को चलाया जा रहा हैपड़ोसी देश चीन के पेकिंग ,गुआं डोंग,विश्विद्यालय सहित बीजिंग स्थित गुरुकुल विद्यालय में हिंदी पढ़ाई जाती है इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर विश्वविद्यालयों में हिंदी पढ़ाई जाती है सुदूर पूर्वी देश फिजी में हिंदी को विश्विद्यालयो में अनिवार्य रूप से पढ़ाई जाती है।दिल्ली विश्वविद्यालय में
जापानी,कोरियाई, हिंदी पढ़ने वालो कि संख्या बहुत है ।वैश्विक स्तर पर हिंदी की स्वीकारोक्ति के स्वीकारोक्ति कि क्रान्ति को गति स्वर्गीय अटल जी द्वारा संयुक्त राष्ट्र संघ के 32 वे अधिवेशन में हिंदी में भाषण देने के साथ 1977 से जागरूकता आयी  भारत के बढ़ते आर्थिक,
सामरिक ,राजनैतिक प्रभाव के कारण हिंदी पढने सीखने की ललक को अंतराष्ट्रीय स्तर पर जागृत किया है पुनः स्वर्गीय अटल जी द्वारा ही अपने
प्रधान मंत्रित्व काल मे 17 सितंबर-2001 को भारत सरकार द्वारा विश्व हिंदी सचिवालय की स्थापना माँरिशस में किया गया हिंदी को अंतरराष्ट्रीय भाषा बनाने में एक अति महत्वपूर्ण है साथ साथ ही साथ हिंदी को अंतरराष्ट्रीय भाषा बनाने की दिशा में ठोस पहल के रूप में विश्व हिंदी सचिवालय द्वारा नियमित अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं एव समाचार पत्र का प्रकाशन करता है जो हिंदी को विश्व मे शसक्त पहचान का मशाल मिशाल का कार्य करती है।।

नन्दलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उत्तर प्रदेश

   10
4 Comments

Gunjan Kamal

25-Nov-2022 11:42 PM

शानदार

Reply

Haaya meer

18-Nov-2022 04:55 PM

Amazing

Reply

Ayshu

18-Nov-2022 09:58 AM

Shaandar

Reply